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प्रस्तुति श्रावणी महारणा
आज हम आपको लिए चलते हैं उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद वैशाली, जहाँ श्री जगन्नाथ मंदिर प्रांगण में हर साल की तरह इस वर्ष भी माँ दशभुजा दुर्गा की भव्य पूजा सम्पन्न हुई।
यह सिर्फ़ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि प्रवासी ओडिया समुदाय की एकता और सांस्कृतिक धरोहर का अद्भुत प्रदर्शन है।
आइए, विस्तार से जानते हैं।”
नवरात्रि का महत्व
“पिछले नौ दिनों तक पूरे भारतवर्ष ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी माँ दुर्गा की नवरात्रि पूजा भव्यता और आस्था के साथ मनाई गई।
उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में दशहरा पर्व की रंगीनियाँ दिखाई दीं।
वैसे तो पूरे देश में देवी महोत्सव का उत्साह रहा, लेकिन वैशाली का यह आयोजन विशेष इसलिए है, क्योंकि यहाँ प्रवासी ओडिया समाज ने उड़ीसा की संस्कृति और परंपरा को जीवंत कर दिया।”
पूजा की शुरुआत और विशेषता
“श्री जगन्नाथ मंदिर वैशाली में जगन्नाथ सांस्कृतिक संस्थान के तत्वावधान में इस पूजा का आयोजन हुआ।
पूजा के लिए उड़ीसा से विशेष रूप से आमंत्रित किए गए पंडित — हिमांशु शतपथी, रंजन कर और विश्वनाथ दास ने परंपरागत रीति-रिवाजों के अनुसार अनुष्ठान सम्पन्न करवाए।
कलश यात्रा से लेकर घटस्थापना, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, बलिदान और दशहरे की पूर्णाहुति तक हर आयोजन विधि-विधान से सम्पन्न हुआ।
पूजा के कर्ता के रूप में जगबन्धु और मानसी को चुना गया, जिन्होंने पूरी श्रद्धा और विश्वास से अनुष्ठान सम्पन्न किया।”
सांस्कृतिक कार्यक्रम
“यह आयोजन सिर्फ़ पूजा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सांस्कृतिक गतिविधियों ने इसे और खास बना दिया।
रामलीला, श्रीकृष्ण रास, बच्चों के रंगारंग नृत्य-प्रदर्शन, और जगन्नाथ सांस्कृतिक कीर्तन मंडली के भजन-संध्या ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
पूरे प्रांगण में भक्ति और उल्लास का माहौल देखने को मिला।
भक्तों का कहना था कि यह आयोजन उन्हें उड़ीसा के मंदिरों और उत्सवों की याद दिला देता है।”
भंडारा और प्रसाद वितरण
“सप्तमी से लेकर दशहरा तक प्रतिदिन आम भक्तों के लिए मुफ़्त प्रसाद वितरण किया गया।
लोगों ने बड़ी श्रद्धा से प्रसाद ग्रहण किया।
दशहरे के दिन विशाल भंडारा आयोजित किया गया, जिसमें सहस्रों भक्तों ने निःशुल्क अन्न-प्रसाद का आनंद लिया।
हर तरफ़ बस यही माहौल था — ‘जय माँ दुर्गा… जय जगन्नाथ…’
पूरे आयोजन ने न सिर्फ़ धार्मिक आस्था को मजबूत किया, बल्कि समाज में भाईचारे और एकता का भी संदेश दिया।”
आयोजन की सफलता और प्रवासी ओडिया समुदाय
“सीमित संसाधनों से शुरू हुआ यह आयोजन आज ‘बारह महीनों में तेरह पर्व’ मनाने वाला भव्य उत्सव बन चुका है।
जगन्नाथ की कृपा से प्रवासी ओडिया समुदाय विदेशों और भारत के अन्य राज्यों में भी अपनी सांस्कृतिक पहचान को सहेज रहा है।
यह पूजा प्रवासी ओडिया समाज की मेहनत, आस्था और एकता का अद्भुत उदाहरण है।
माँ दुर्गा और भगवान जगन्नाथ की कृपा से यह आयोजन साल दर साल और भी भव्य होता जा रहा है।”
“गाज़ियाबाद वैशाली की माँ दशभुजा पूजा, प्रवासी ओडिया समुदाय के लिए गर्व का विषय है।
कोस्टल न्यूज़ ओडिया की ओर से सभी भक्तों और दर्शकों को नवरात्रि और दशहरे की हार्दिक शुभकामनाएँ।
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उपकूल समाचार…
वंदे उत्कल जननी।
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